डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अल्ट्रा वायलेट-सी सैनिटाइजर कैबिनेट किया तैयार

चंडीगढ़

demo pic
कोरोना संक्रमण के दौर में रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक इन दिनों ऐसी तकनीकें इजाद करने में जुटे हुए हैं, जिसका फायदा इस महामारी से लड़ने में किया जा सके।
इसी कड़ी में अब डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने हैदराबाद की डिफेंस लैबोरेट्री (आरसीआई) के सहयोग से एक यूवी-सी (अल्ट्रा वायलेट-सी) सैनिटाइजर कैबिनेट तैयार किया है। जो बिना केमिकल के सैन्य, प्रशासनिक व निजी कार्यालयों, बैंकों, अस्पतालों और अन्य कार्यस्थलों पर विभिन्न चीजों को कुछ सेकंड में ही सैनिटाइज कर देगा।

अल्ट्रावायलेट किरणों की तकनीक पर आधारित इस उपकरण को करीब एक हफ्ते के भीतर ही डीआरडीओ के अनुभवी वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। जिसे अब गत दिवस लांच कर दिया गया है। सैन्य दफ्तरों के साथ-साथ अन्य संस्थान भी अब इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

यह उपकरण किरणों के माध्यम से ही एन-95 मास्क, मोबाइल फोन, आईपैड, लैपटॉप, कंप्यूटर, करेंसी नोट, चेक बुक के पन्ने, डाक, ऑफिस चेयर, टेबल व विभिन्न हाथों से गुजरने वाली ऑफिस फाइलों समेत अन्य चीजों को कुछ सेकंड में ही सैनिटाइज कर सकता है। यह उपकरण एक सैनिटाइजेशन बॉक्स और हैंड हेल्ड यूवी-सी (वेवलेंथ 254 नैनोमीटर के साथ अल्ट्रा-वॉयलेट लाइट) दोनों रूपों डिजाइन एवं विकास किया है।

वैज्ञानिकों के अनुसार कहीं हाथों से गुजरने वाले करेंसी नोट पर भी संक्रमण का खतरा रहता है लिहाजा बैंकों में भी इन उपकरणों से करेंसी नोट भी सनराइज किए जा सकते हैं।

नहीं होने देता वायरस का प्रजनन
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के अनुसार यूवी-सी एक छोटा, लाइट के अधिक इनर्जेटिक वेवलेंथ से बना होता है। यह विशेष रूप से कोविड-19 में जेनेटिक मैटेरियल को नष्ट करने में अच्छा होता है। यानि इसका अटैक वायरस के डीएनए पर होता है। जिसकी वजह से वायरस का प्रजनन किरणों के संपर्क में आने से संभव नहीं हो पाता। इस उपकरण का रेडिएशन स्ट्रक्चर आरएनए को बिगाड़ देता है, जो वायरल पार्टिकल्स को अपनी और अधिक प्रतियां बनाने से रोकता है। यूवी-सी माइक्रोब्स को भी तेजी से मार डालता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस उपकरण की किरणें किसी वस्तु पर सक्रिय कोरोना वायरस को भी निष्क्रिय करने की क्षमता रखता है। इन उपकरणों में एक खास तरह के लैंप्स लगाए गए हैं जिनके जरिए यकीन ने वस्तुओं में पड़ेंगे और उन्हें सैनिटाइज करेंगे

मास्क, केमिकल की बचत में मदद मिलेगी
इस यूवी-सी सैनिटाइजर कैबिनेट से मास्क और सैनिटाइजर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल व अल्कोहल की भी बचत होगी। इन किरणों से एन-95 मास्क को भी सेनीटाइज किया जा सकेगा जिसके बाद यह मास्क दोबारा से उपयोग में लाने योग्य बन जाएगा। दूसरा, इस उपकरण में किसी प्रकार के केमिकल की भी जरूरत नहीं पड़ती। लिहाजा सैनिटाइजर में इस्तेमाल होने वाली अल्कोहल की भी बचत होगी।

हथियारों को भी सैनिटाइज करने में मिलेगी मदद
इस बिना केमिकल वाले सैनिटाइजर कैबिनेट से आर्म्ड फोर्सेस के हथियारों और अन्य उपकरणों को भी आसानी से सैनिटाइज किया जा सकेगा। हैंड हेल्ड यूवी-सी सैनिटाइजर के जरिये विभिन्न सैन्य यूनिटों में जवानों के हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों को इसके जरिये सैनिटाइज करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि ड्यूटी पर तैनात सेना के जवानों के हथियार भी आपस में कई जवानों के कई लोगों के संपर्क में आते हैं।

Related posts